इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से हैं कैंसर और बांझपन के ख़तरे

 

 

इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से हैं कैंसर और बांझपन के ख़तरे

क्या कोई यह सोच सकता है कि किसी व्यक्ति की जेब में रखे हुए मोबाइल फोन से उत्सर्जित इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से किसी व्यक्ति में बांझपन आ सकता है। हां, अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन मनुष्यों में बांझपन की समस्या को बढ़ा रहा है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने लगभग 2 महीने पहले यह घोषित किया है कि जो व्यक्ति अपनी पतलून की जेब में मोबाइल रखते हैं, वे अनजाने में ही अपनी जेब में रखे मोबाइल फोन के द्वारा उत्सर्जित रेडियो फ्रिक्वेंसी इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के शिकार हो रहे हैं और पिता बनने के अपने अवसरों को खो रहे हैं। इग्लैण्ड के एक्सेटर विश्वविद्यालय के डॉ. फिओना मैथ्यूज ने 1492 नमूनों के साथ 10 अध्ययन के द्वारा एक व्यवस्थित समीक्षा के माध्यम से उक्त निष्कर्ष निकाला है। इस अध्ययन में प्रजनन क्लीनकों और अनुसंधान केन्द्रों को भी सम्मलित किया गया था। मनुष्य शुक्राणुओं में परिवर्तन देखने के लिए शोर्धकत्ताओं ने उन्हें तीन अलग-अलग तरीकों से मापा। उदाहरण के लिए शुक्राणु की एक स्त्री के गर्भाश्य में स्थित अण्डे की ओर चलने की क्षमता एवं गतिशीलता से लेकर शुक्राणुओं की जीवित रहने की क्षमता और मनुष्य के वीर्य की प्रति यूनिट में शुक्राणुओं की संख्या एवं सघनता आदि को देखा गया। शोर्धकत्ताओं ने पाया है कि मोबाइल फोन के रेडिएशन के जोखिम के चलते शुक्राणुओं की गतिशीलता और मूवमेंट सामान्य से 8 प्रतिशत घट गई है।

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