किसान अन्न उगाता है। इसी कारण किसान को अन्नदाता कहा जाता है। हम दिन में दो बार भोजन और दो बार जलपान करते हैं। यह किसान की कृपा से ही सम्भव है। अगर मैं यह लिखूँ कि किसान देश में कैंसर भी फैला रहे हैं, तो आपको ताज्जुब होगा, लेकिन है यह हकीकत। एक कड़वी हकीकत। आश्चर्यजनक बात यह है कि किसानों की राजनीति करने वाले इस हकीकत से बखूबी वाकिफ हैं, लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं है। बोलेंगे तो किसान विरोधी कहलाएँगे। किसानों का समर्थन न मिलने का भय, फिर चुनाव में हार जाने की चिन्ता ने सबके मुँह पर ताले लटका रखे हैं।
Be the first to comment on "कैंसर का कारण किसानी, कोई तो इन्हें रोको"