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देश में करोड़ों लोग भूखे फिर भी भोजन की बर्बादी क्यों?

यह कितनी बड़ी विडम्बना है कि झूठी शान-शौकत और जागरूकता के अभाव में पौष्टिक एवं अच्छे भोजन को हम लोग बेपरवाह होकर बर्बाद कर रहे हैं, जबकि आज पूरी दुनिया में भारी खाद्य संकट मौजूद…


पर्यावरण रक्षक है जैविक खेती

स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय हमारे देश में अनेक वस्तुओं का विदेशों से आयात किया जाता था। उस समय हमारा देश खाद्यान्न के क्षेत्र में भी आत्म निर्भर नहीं था। देश के नागरिकों की उदर पूर्ति…


कहाँ खो गई बरगद पीपल की छाँव?

हरियाली का पर्याय रहा सम्पूर्ण उत्तर भारत कभी अपनी जीवंत संस्कृति के लिए विश्व-विख्यात रहा है। दूध-दही के सेवन से हष्ट-पुष्ट शरीर, उन्मुक्त हँसी, सादगी और परिश्रम से भरा कृषक जीवन, यही पहचान रही है…


मारकंडा और घग्घर में अब पानी की जगह है हिमाचल का कचरा

सदियों से धार्मिक आस्था का प्रतीक रहीं मारकण्डा और घग्घर नदियां हिमाचल प्रदेश के ‘काला अम्ब’, ‘नालागढ़ तथा बद्दी-बरोटीवाला’ औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा आसपास बसे शहरों के मल-जल के प्रदूषण से इतनी प्रदूषित हो चुकी…


जल को बचाना पृथ्वी को बचाना है

अगला विश्व युध्द पानी को लेकर लड़ा जाएगा’ इस घोषणा में सच्चाई इसलिए है कि पानी पर कब्जा करने के प्रयास विश्वस्तर पर जारी हैं। पर्यावरण का पहला चरण पानी से शुरू होता है। पंजाब…


कैंसर का कारण किसानी, कोई तो इन्हें रोको

किसान अन्न उगाता है। इसी कारण किसान को अन्नदाता कहा जाता है। हम दिन में दो बार भोजन और दो बार जलपान करते हैं। यह किसान की कृपा से ही सम्भव है। अगर मैं यह…


ग्रीन टी चाय में धूम्रपान छुड़ाने की ताकत

हरी चाय (ग्रीन टी) के गुणकारी तत्वों पर हुए नए शोधों से पता चला है कि यह धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए भी बहुत लाभदायक है और इसके सेवन से धूम्रपान करने की लत…


राजस्थान की आधी आबादी आज भी स्वच्छ पेयजल की मोहताज

देश के सबसे पुराने राज्य राजस्थान की आधी आबादी आज भी स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं को तरस रही है। रोजगारोन्मुख शिक्षा के अभाव में प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ी है, तो सर्व…


हरित संपदा के बेहतर उपयोग से आएगी देश में समृध्दि

देश के आर्थिक आकलन में वनों की पूरी तरह उपेक्षा हुई है। आर्थिक समीक्षा में तो वनों को एक क्षेत्र के रूप में चिन्हित कभी भी नहीं किया गया। इसके बजाय इसे कृषि और मत्स्य…


जल संरक्षण से ही सुधरेगा हमारा आने वाला कल

22 मार्च का दिन विश्व जल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जल ही तय करेगा कि भारत समृध्दि की ओर बढ़ेगा या निर्धन ही बना रहेगा। जल प्रबंधन सिर्फ बांधों के निर्माण या…