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समर्पित वनरक्षक दल रोक सकता है जंगलों की आग

देश में विगत दो वर्षों के बीच जंगलों में लगने वाली विनाशकारी आग की घटनाओं में 125 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है जिस से देश का बहुमूल्य ग्रीन-कवर तबाह हो रहा है।…

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विश्व पर्यावरण दिवस का आह्वान प्लास्टिक का करो सही निपटान

विश्व पर्यावरण दिवस का आह्वान प्लास्टिक का करो सही निपटान विश्व पर्यावरण दिवस’ पर्यावरण का सबसे महत्वपूर्ण और कार्रवाई करने का दिन होता है। दुनिया भर में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूकता एवं कार्रवाई…


ग्रीन टी चाय में धूम्रपान छुड़ाने की ताकत

हरी चाय (ग्रीन टी) के गुणकारी तत्वों पर हुए नए शोधों से पता चला है कि यह धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए भी बहुत लाभदायक है और इसके सेवन से धूम्रपान करने की लत…


राजस्थान की आधी आबादी आज भी स्वच्छ पेयजल की मोहताज

देश के सबसे पुराने राज्य राजस्थान की आधी आबादी आज भी स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं को तरस रही है। रोजगारोन्मुख शिक्षा के अभाव में प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ी है, तो सर्व…


हरित संपदा के बेहतर उपयोग से आएगी देश में समृध्दि

देश के आर्थिक आकलन में वनों की पूरी तरह उपेक्षा हुई है। आर्थिक समीक्षा में तो वनों को एक क्षेत्र के रूप में चिन्हित कभी भी नहीं किया गया। इसके बजाय इसे कृषि और मत्स्य…


जल संरक्षण से ही सुधरेगा हमारा आने वाला कल

22 मार्च का दिन विश्व जल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जल ही तय करेगा कि भारत समृध्दि की ओर बढ़ेगा या निर्धन ही बना रहेगा। जल प्रबंधन सिर्फ बांधों के निर्माण या…


भारत में है पानी का गंभीर संकट

वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम ने अपने वार्षिक वैश्विक जोखिम सर्वे में भविष्य में विभिन्न देशों में टकराव के दस सबसे गंभीर खतरों को चिन्हित किया है। इस साल के दस सबसे गंभीर वैश्विक खतरों में जल…


बदस्तूर प्रदूषण फैला रही हैं कपड़ा रंगने की इकाइयां

ऐतिहासिक शहर पानीपत में आज भी कपड़ा रंगने की सैंकड़ों इकाइयां अनेक आवासीय क्षेत्रों में प्रदूषण का प्रमुख कारण बनी हुई हैं। पता चला है कि कुछ 750 में सिर्फ 300 इकाइयां ही सेक्टर-29, पार्ट-2…


पर्यावरण प्रेमी परिन्दा है गिध्द

गिध्द एक ऐसा अनोखा पक्षी है, जिसकी निगाहें बड़ी तेज होती हैं। यह आसमान में उड़ते हुए चार-पांच मील दूर से ही मृत शिकार को आसानी से देख लेता है। दरअसल, यह कुदरत का ऐसा…


40 वर्षों में घट गए एक तिहाई पशु-पक्षी

मनुष्य के अंधाधुंध प्राकृतिक दोहन के कारण पृथ्वी पर बीते 40 सालों के दौरान जंगली जानवरों, मछलियों और पक्षियों की संख्या एक तिहाई घट गई है। विश्व में बाघों और नदी में पाई जाने वाली…